Thursday, March 26, 2020

विचार क अचार

का कहल जाये ,इ त बुझात नइखे ,मगर जवना से देश में एगो हवा चलल बा ओकरा से भारत देश के लोगन क मिजाज और मन दुनो बदले वाला बा ,जहवां प्रश्न ये बात के बा की इ देश गावं ,गरीब और गाँधी के समेट के चले वाला बा ,इ देश के खूबसूरती क ईगो नमूने ह ,गावं जवन बा उ हमरा नजर में ईगो विचारधारा के प्रतीक हो जवना के दक्षिणपंथ कहल जाला ,एकरा के अईसे समझी कि गावं आज भी पुरनका रीतिरिवाज आ आडम्बर के लेके चलेला ,जवन एक प्रकार से रुदिवादी सोच के बनवले बा ,इहो सही बा कि आज के प्रगतिशील जग में एकर बुराई बा ,लेकिन जवन कुछ लाभ बा ,ओकरा के इंकार नाही कईल जा सकेला ,येही पुरनका व्यवस्था के बनावे आ बचावे वाले लोग दक्षिण पंथी कह ला ले ...
आब बात गरीब के ....गरीबी टी हमनी देश में पहिलही से बा ,आ गरीबी पर बहस करे वाला ,आ गरीबन के बारे में विचार देबे वाला येह देश में बामपंथी कहला ले लोगन ...जवन बात बा की उ लोग देश में परिवर्तन के संगे खड़ा बाड़े लोग ...वोहू में कुछ अमूल चुल बदलाव ले आवल चाहत हुआन...इ बदलाव के बात करे वाला बाम विचार से परभावित बाड़े लोग ..
आ जब गाँधी के बात होई तब .पूर्णता के बात होखे लागी...गाँधी इ दुनो विचार के संगे खड़ा बाड़े ..जे गावं के खूबसूरती भी चाहत बा और गरीबन के दुर्दशा में बदलाव भी ....
ऐसे हमनी सब के इ तीनो से साथ समागम करे के होई ,तबे देश के मस्तक उपर उठी ...

जयदेव 

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