गोड़ लागत तानी
आज दुनिया थम गईल बा ,इ जवन किरौन्वा क महामारी जब से आईल बा ,पुरे जहाँ के लोग एक दम से व्याकुल बानअ जा |कोई के बुझाते नइखे की एकरा में का जतन होके के चाही ,लेकिन मय दुनिया के डक्टर साहब जवन इलाज बतावत बानी जा ,ओकरा में खाली इहे ध्यान होखे के चाही की जे भी लोग आपन आस पास बाड़े उनसे एगो दुरी रखल जरूरी बा |
गावं देहात के लोगन आज के ईह जुग में भी आपन अलगे इलाज खोजत बा ,कोई कहत बा कि रामायण के बाल कांड के अध्याय वाला किताब में राम जी के बाल निकलता ,त केहू कपूर आ लवंग के जड़ी बान्हे के कहत बा ,केतना इदमी त जंतर माला पहिन के घुमत बाड़े की किरौना महामारी से बच जाईल जाई ,आ केहू केहू त कपूर बाती जरावत बा ,त केहू देवी के बोलावत बा ......लेकिन इ लोग के विचार के सम्मान बा ,लेकिन इ कहे में तनिक संकोच नइखे कि इ सब अंधविश्वास बा ,आज जबन सही बात बा ओकरा के मनले से ही सबकर भलाई लौकत बा |
पाहिले भी गावन में येही तरे महामारी आवे त लोग आपन आपन जोग जगावे में जान गवां देत रहलन ,कोई महामारी के भगवती कहे,त कोई देवी देवता के प्रकोप बतावे ,इ कहे में तनिका संकोच नइखे कि आज भी लोग करौना महामारी के देवीय प्रकोप मानत बाड़े ....अब इ सब से आगे बड़े के चाही ,झूठ वे भरम में ना आवे के बा ..जवन डक्टर लोग कहे,ओकरा के अपनावे के बा तबे सबके भलाई बा ...जननी लोग
जयदेव
आज दुनिया थम गईल बा ,इ जवन किरौन्वा क महामारी जब से आईल बा ,पुरे जहाँ के लोग एक दम से व्याकुल बानअ जा |कोई के बुझाते नइखे की एकरा में का जतन होके के चाही ,लेकिन मय दुनिया के डक्टर साहब जवन इलाज बतावत बानी जा ,ओकरा में खाली इहे ध्यान होखे के चाही की जे भी लोग आपन आस पास बाड़े उनसे एगो दुरी रखल जरूरी बा |
गावं देहात के लोगन आज के ईह जुग में भी आपन अलगे इलाज खोजत बा ,कोई कहत बा कि रामायण के बाल कांड के अध्याय वाला किताब में राम जी के बाल निकलता ,त केहू कपूर आ लवंग के जड़ी बान्हे के कहत बा ,केतना इदमी त जंतर माला पहिन के घुमत बाड़े की किरौना महामारी से बच जाईल जाई ,आ केहू केहू त कपूर बाती जरावत बा ,त केहू देवी के बोलावत बा ......लेकिन इ लोग के विचार के सम्मान बा ,लेकिन इ कहे में तनिक संकोच नइखे कि इ सब अंधविश्वास बा ,आज जबन सही बात बा ओकरा के मनले से ही सबकर भलाई लौकत बा |
पाहिले भी गावन में येही तरे महामारी आवे त लोग आपन आपन जोग जगावे में जान गवां देत रहलन ,कोई महामारी के भगवती कहे,त कोई देवी देवता के प्रकोप बतावे ,इ कहे में तनिका संकोच नइखे कि आज भी लोग करौना महामारी के देवीय प्रकोप मानत बाड़े ....अब इ सब से आगे बड़े के चाही ,झूठ वे भरम में ना आवे के बा ..जवन डक्टर लोग कहे,ओकरा के अपनावे के बा तबे सबके भलाई बा ...जननी लोग
जयदेव
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